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चौदहवे वित्त का पैसा 10 दिनों में आएगी ग्राम पंचायत के खाते में- जिला पंचायती राज अधिकारी

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लागू होगा पी एफ एम एस महराजगंज। चौदहवे वित्त का प्रथम किश्त 10 दिनों के अंदर ग्राम पंचायत के खाते में आ जायेगा। 1 नवंबर से pfms प्रणाली लागू होगी। इसके तहत पहले सामग्री आपूर्ति होगी, पुनः उसका बिल बाउचर प्रिया साफ्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा और बैंक इनोवाइस जनरेट कर उसे बैंक को भेजी जाएगी तथा उससे आपूर्तिकर्ता के खाते में पैसा ट्रांसफर हो जाएगा। उक्त बातें जिला पंचायती राज अधिकारी मनोज त्यागी ने पंचायत सचिवों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने बताया कि पहले से अंतर सिर्फ इतना है कि अब वर्क आई डी एवं बाउचर के सापेक्ष ही भुगतान होगा। यह प्रक्रिया ज्यादे पारदर्षिता लाएगी। अनावश्यक भ्रामक प्रचार से बचना चाहिए। श्री त्यागी ने ग्राम पंचायत विकास योजना पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि पूरक कार्ययोजना में आगनवाड़ी शौचालय बेबी फ्रैंडली स्कूल शौचालय चाइल्ड फ्रेंडली बनवाना, सफाई किट, वाल पेंटिंग, गांव के अंदर की कच्ची गलियों को पक्की बनाना अवश्य सम्मिलित करेगे तथा इसके अतिरिक्त अन्य निर्माण कार्य जो आवस्यक हो शामिल किए जाएंगे। इसमे शौचालय प्रथम वरीयता पर होगा जिसे हर हाल

रजनीकांत त्रिवेदी पुनः चुने गए ग्राम पंचायत अधिकरी संघ के प्रदेश अध्यक्ष

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लखनऊ। रजनीकांत त्रिवेदी पुनः 2 वर्षो के लिए ग्राम पंचायत अधिकारी संघ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष चुन लिए गए है। आज लखनऊ में सम्पन्न चुनाव में रजनीकांत त्रिवेदी को विजयी घोषित किया गया। संघटन के अन्य पदों पर विजयी उम्मीदवार इस प्रकेआर है-  2 श्री भोपाल सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष 3  श्री दीवान सिंह    कोषाध्यक्ष  4 श्री वीरेन्द्र पृतापसिहं   महामंत्री 5  श्री राकेश दीक्षित    मंत्री 6  श्री मुन्ना लाल यादव  संगठन मंत्री 7   श्री उमेश यादव  संयुक्त मंत्री 8  श्री  कैलाश पति सिंह       ऑड़िटर इस अवसर पर सभी जिला अध्यक्षो ने प्रदेश कार्यकारिणी को बधाई दी तथा संघटन को और मजबूत बनाने हेतु पूर्ण समर्पण का भरोसा दिया।

ग्राम वासियों ने ऐतिहासिक फैसला करते हुये ग्राम पंचायत के लिये ‘ स्वच्छ ग्राम टैक्स’ लगाने का फैसला

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मिशन अन्त्योदय ग्राम में चयनित बेलासपुर ग्राम पंचायत में ग्राम सभा की खुली बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में ग्राम वासियों ने ऐतिहासिक फैसला करते हुये ग्राम पंचायत के लिये ‘ स्वच्छ ग्राम टैक्स’ लगाने का फैसला किया। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि प्रत्येक परिवार गॉव को स्वच्छ रखने के लिये स्वय संसाधन जुटाने का प्रयास करेगा और इस दिशा में पहला कदम होगा कि ग्राम पंचायत का प्रत्येक परिवार रू0 15 प्रति माह टैक्स देगा जिसे ग्राम पंचायत निधि में जमा कर स्वच्छता अभियान पर खर्च किया जायेगा। बैठक की अध्यक्षता कर रहे ग्राम प्रधान मो0 यासीन ने बताया कि इस टैक्स से ग्राम पंचायत की कुल रू0 54000 की आय होगी तथा यह पूरे ब्लाक ही नही बल्कि जिले के लिये भी अपने आप में नई सोच है जिसके लिये सभी ग्राम वासी बधाई के पात्र है। मिशन अन्त्योदय पखवारा के क्रम में 8 अक्टूबर को सामूहिक सफाई अभियान 9 अक्टूबर को बाल सभा 10 अक्टूबर को महिला सभा 11 अक्टूबर को वृक्षारोपड़ 12 अक्टूबर को प्रभातफेरी 13-15 को अन्त्योदय लाभार्थी सर्वे अक्टूबर को सम्पन्न होगा।      उल्लेखनीय है कि ग्राम बेलास पुर की लगभग 80 प्रतिशत

प्रदेश की बड़ी ग्राम पंचययतों का होगा टेक्निकल ऑडिट

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  महराजगंज के परतावल और बृजमनगंज के एक एक गांव का होगा ऑडिट लखनऊ: योगी सरकार प्रदेश की ग्राम पंचायतों में पिछले तीन वर्षों में हुए कामों की जांच कराएगी। यह तकनीकी परीक्षण सैम्पलिंग के आधार पर किया जाएगा। 14वें केंद्रीय वित्त, चतुर्थ राज वित्त व स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) के पैसे से निर्माण, मरम्मत एवं रखरखाव के हुए कामों को देखा जाएगा कि वह जमीन पर उतरे हैं या नहीं। तकनीकी परीक्षण के लिए गठित कमेटी सन 2015—16 से 2017—18 तक हुए कामों का मूल्यांकन करेगी। सैम्पलिंग के आधार पर जांच के लिए राज्य भर से 150 ग्राम पंचायतों का चयन होगा। शासन ने सप्ताह भर के अंदर परीक्षण की रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि newstrack.com / अपना भारत, विभाग के घोटालों का लगातार खुलासा कर रहा है। दरअसल जीरो टालरेंस की नीति को लेकर सत्ता में आयी योगी सरकार को पंचायतीराज विभाग के कामों की ढेरों शिकायतें मिलती रही हैं। इसको देखते हुए तय किया गया कि ग्राम पंचायतों के कामों का तकनीकी परीक्षण करा लिया जाए। चूंकि प्रदेश में 75 जिले हैं। आबादी के लिहाज से भी यूपी सबसे बड़ा प्रदेश है तो तय किया गया कि हर जिले की दो ग्राम

आगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों ने भारी हुंकार, मांगा राज्य कर्मी का दर्जा

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लक्ष्मीपुर महराजगंज। आज दोपहर 12 बजे सैकड़ो की संख्या में आगनवाड़ी करकर्त्रीयो ने जलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए ब्लॉक मुख्यालय लक्ष्मीपुर पर प्रदर्शन किया। जलुश को संबोधित करते हुए संघ के संरक्षक भानु शुक्ल ने कहा कि हमारा यह आंदोलन राज्य कर्मचारी का दर्जा पाने तक चलता रहेगा। मानदेय के नाम पर मात्र 4000 रुपये देकर सरकार हमारी शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि आगनवाड़ी कर्मी 12 माह करती है उन्हें ग्रीष्म या शारद किशी भी प्रकार का अवकाश नही मिलता है और मानदेय मात्रा 11 माह का मिलता है। आगनवाड़ी कार्यकर्त्री अब यह भेदभाव सहने वाली नही है। अंत मे मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन खंड विकास अधिकारी को सौप गया। खंड विकास अधिकारी अजय कुमार यादव ने प्रदर्शन करियो को आश्वाशन दिया कि उनकी मांगों को उचित माध्यम से शासन को अवगत करा दिया जाएगा।

सतत विकास को दृष्टिगत रखते हुये संसाधनों का उपयोग करना ही वास्तविक विज्ञान - आशीष

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              सतत विकास को दृष्टिगत रखते हुये संसाधनों का उपयोग करना ही वास्तविक विज्ञान है। नई पीढी में इस विचारधारा का सम्वहन शिक्षकों का गुरूतर दायित्व है। उक्त बातें राजकीय जुबिली इण्टर कालेज गोरखपुर विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मन्त्रालय भारत सरकार द्वारा समर्थित एवं प्रायोजित राष्ट्रीय बाल विज्ञान काग्रेस के तत्वावधान में ‘‘विज्ञान प्रौद्यौगिकी एवं नवाचार-सतत विकास के लिये’’ विषय पर आयोजित एक दिवशीय जिला स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला में बतौर मास्टर ट्रेनर डाॅ आशीष कुमार सिंह ने कही। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल विज्ञान काग्रेस में प्रतिभाग करने के लिये छात्रों को राष्ट्रीय बाल विज्ञान काग्रेस की बेबसाईट ncsc.co.in   पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा। मुख्य विषय से सम्बन्धित आठ उप विषय है जिसमें 1-प्राकृतिक संसाधनों का प्रबन्धन 2-खाद्य सामग्री एवं कृषि 3- ऊर्जा 4- स्वास्थ्य सफाई एवं पोषण 5-हमारी जीवन शैली एवं आजीविका 6- आपदा प्रबन्धन 7-पारम्परिक ज्ञान प्रणाली ’8- दिव्यांगो के लिये सुगमता सम्मिलित है। डाॅ सिंह ने कहा कि गोरखपुर जनपद का प्रत्येक विद्यार्थी जो 10 से 17 वर्ष

स्वच्छता - किसकी और कितनी जिम्मेदारी

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विडम्बना है कि स्वच्छता का सीधा सम्बन्ध हमारी सेहत से होने के बाद भी हमारे समाज में स्वच्छता को लेकर कभी कोई गम्भीर किस्म का काम तो दूर, सार्थक चर्चा तक नहीं होती। हाँ, कभी-कभार कुछ बातें जरूर होती है पर वे बातें भी ज्यादातर रस्मी तौर पर ही कर ली जाती है। इधर अब की सरकारों ने स्वच्छता पर फोकस करना शुरू तो किया है पर अब भी यह सरकारीकरण से बाहर आकर लोगों के लिये जन अभियान का रूप नहीं ले पा रहा है। महात्मा गाँधी ने सफाई की कीमत 1910–20 के दशक में ही समझ ली थी और उन्होंने इसके महत्त्व पर रोशनी डालते हुए यहाँ तक कहा था कि स्वच्छता आजादी से भी अधिक महत्त्वपूर्ण है। लेकिन गाँधी की इस बात को हम या तो भूल गए या अब तक नहीं समझ पा रहे हैं। इसके लिये अब भी सरकारों को निर्मल भारत और स्वच्छता अभियान चलाने पड़ रहे हैं। बात–बात पर गाँधी का अनुसरण करने की बातें करने वाले भी अपने परिवेश की साफ़–सफाई के लिये खुद भी जवाबदेह नहीं हो पा रहे हैं। लगता है कि हम अपनी सेहत को ठीक रखने या उसकी चिन्ता करने का काम भी सरकार के हवाले कर चुके हैं। जो स्वच्छता हमें अपने आसपास रखनी चाहिए उसके लिये भी अब हम सरकार